“बधाई हो! आप माँ बनने वाली हैं।” यह अच्छी खबर हमें बिल्कुल तब मिली, जब हमें इसकी सबसे अधिक जरूरत थी। मेरी गर्भावस्था के 20 वें सप्ताह में, आराम करते हुए और अपनी प्रेगनेंसी डायरी लिखते-लिखते, मैं उस दिन के बारे में सोच रही हूँ, जब हमें सबसे पहले पता चला कि मैं माँ बनने वाली हूँ।
वह एक सुखद लम्हा था।
पिछले सप्ताह ही उन्होंने (मेरे पति), मुझे अपने गर्भावस्था के इस इस सुखद दौर के अनुभवों को लिखने का सुझाव दिया था, इस विचार के साथ कि भविष्य में हम इस डायरी के ज़रिये, वक्त में वापस मुड़ कर देख सकते हैं, शायद इन लम्हों को फिर से महसूस कर सकते हैं।
हालांकि यह (मेरा गर्भवती होना) योजनाबद्ध नहीं था, हमने इस बारे में कोई बात भी नहीं की थी, लेकिन यह अवांछित भी नहीं था।
मेरे पति अपने सभी भाइयों और चचेरे भाइयों में सबसे बड़े हैं और हमारी शादी को लगभग 3 वर्ष होने जा हैं।
परिवार में हर कोई हमसे कुछ अच्छी खबर सुनने की उम्मीद कर रहा था, लेकिन हम (ख़ासतौर से वो), अपने करियर के लिए कुछ और समय लेना चाहते थे, ताकि इस वक़्त में जब हमें उसकी सबसे ज्यादा जरुरत होगी, वो अपना work -life balance बना सकें।
“कोई नई ख़बर है?”
“कुछ अच्छी ख़बर कब तक दे रही हो?”
“परिवार आगे बढ़ाने पर कुछ सोचा है या नहीं?”
“क्या तुमलोग अभी तक परिवार नियोजन ही कर रहे हो?”
“क्या हुआ, कितना वक़्त और लोगे तुमलोग ?”
और ऐसे कई सवाल परिवार में ( मेरे माता-पिता सहित) किसी भी अवसर पर पुछा जानेवाला सबसे पहला प्रश्न बन गया था।
और मेरा बस एक जवाब होता, उनसे पूछिए, वो ही जाने।
दूर के रिश्तेदारों में कुछ लोग यह भी कहने लगे कि, शायद मैं माँ नहीं बन सकती (गर्भ धारण नहीं कर सकती)। उनकी संकीर्ण मानसिकता या अज्ञानता के लिए उनका तहे दिल से धन्यवाद। आखिर गर्भ धारण करने की असमर्थता ही माँ नहीं बन पाने का एकमात्र कारण नहीं है।
बदलते वक़्त के साथ बहुत कुछ है जिसे ध्यान में रखना होता है ताकि हम अपने बच्चे को अच्छी परवरिश दे सकें। एक नई जिम्मेदारी के लिए खुद को मानसिक, पारिवारिक और आर्थिक रूप से हमें ख़ुद को सुढृढ़ भी करना होता है। अक्सर अफ़सोस होता था जब कोई ऐसा कुछ कहता था। ऐसे मामलों को वो ही सम्हालते थे, कभी शांति से और कभी नारजगी से। मुझे कोई कुछ ऐसा कहे, उन्हें बर्दाश नहीं होता था।
समय अपने पंख लगाए उड़ रहा था, और ज़िंदगी भी रोजमर्रा की तरह चल रही थी। हां, सब कुछ सामान्य तो नहीं था।
हमने हाल में ही अपने दादाजी को खोया था और लगभग 1 वर्ष पहले ही हमने अपनी दादीजी को भी खोया था। परिवार में गम का माहौल था, और हम सभी खुद को और एक-दूसरे को सम्हालने की कोशिश कर रहे थे। मेरे पति ने अपने काम के साथ अधिक समय बिताने शुरू कर दिया था, यहां तक कि घर में भी (यह उनका अपना तरीका है खुद को शांत रखने का)।
मेरे पीरियड्स 5 दिन लेट थे, हालांकि यह इस साल में दूसरी बार था। लेकिन पहली बार के विपरीत, मुझे लग रहा था कि कुछ अलग है। पिछले कुछ महीनों से सब नियमित था, हालांकि, हाल ही में हमने बहुत सी यात्राएं की थी और समय भी तनावपूर्ण चल रहा था। इस कारण मैंने 2 दिन और इंतज़ार करना उचित समझा।
छठवें हफ्ते के शुरुआती दिनों में, मुझे कुछ अलग महसूस हुआ। मैं अपने स्तनों में और पेट के निचले भाग में पीड़ा और ऐंठन महसूस कर रही थी। अब मुझे संदेह हो रहा था कि, शायद मैं गर्भवती हूं।
उस दिन, नवम्बर 18, 2017, जब वह काम से घर आये तो, मैंने बातों बातों में उनसे मुझे डॉक्टर के पास लेने के लिए कहा। (हां, मैं एक गर्भावस्था किट खरीद कर टेस्ट कर सकती थी, पर आप मुझे पुराने ख़यालात का कह सकते हैं)।
पहले तो उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि चिंता मत करो, कभी-कभी ऐसा होता है, All will be well, लेकिन दुबारा कहने पर उन्होंने मुझसे इस विषय में बात करनी शुरू की और हमारी चर्चा के दौरान मेरे अनुभवों को ले कर कुछ सवाल से पूछे। अब मैं समझती हूं कि वह मेरे गर्भावस्था के प्रारंभिक लक्षणों को समझने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने पूछा कि सुबह कैसे महसूस होता है, क्या मैं हमेशा नींद सा महसूस करती हूं, पेट में दर्द और और लगभग हर दूसरे दिन कब्ज कब से है।
ये सब वो गर्भावस्था के प्रारंभिक लक्षण हैं (अब मुझे पता है :)), जो मैंने उन्हें बताया :
- सुबह की अजीब से सुस्ती (मैंने सोचा था कि मुझे फ्लू, बुखार या थकान है)
- बेहद नींद आना
- अचानक कब्ज बनना (हालाँकि मैं पानी खूब पीती हूँ और मेरा खानपान भी संतुलित है)।
- स्तनों में सूजन और दर्द
- बड़े और गहरे रंग के आइसोलस (निप्पल्स का हिस्सा)
- निचले पेट में ऐंठन और कुछ अजीब सा एहसास
- हर चीज की गंध का अचानक से तेज़ महसूस होना, जैसे कि उनके scents मजबूत हो गए हों
- मुझे घी और हिंग पसंद है, लेकिन अब उनकी गंध से मुझे उल्टी की तरह महसूस हो रही थी
- हर पंद्रह मिनट में बाथरूम जाने की आवश्यकता सा महसूस होना
- भोजन का फीका लगना, (मुझे हमेशा भोजन में नमक कम लगने लगा था और उनसे शिकायत होती की, उनके बनाये गाजर का हलवे में तो जैसे चीनी ही नहीं है)।
- और आप कुछ अलग-अलग सा बर्ताव करने लगी हैं, उन्होंने कहा। (‘अजीब’ वास्तविक शब्द था :))।
उन्होंने मुझसे वादा किया कि मुझे डॉक्टर के पास ले जायेंगे।
हमें 20 नवंबर 2017 को एम्स, दिल्ली में appointment मिला, लेकिन अत्यधिक भीड़ की वजह से registration नहीं हो पाया और बात नहीं बनी। उसी दिन, शाम को हम पास एक निजी अस्पताल में गए।
आश्चर्य की बात थी, डॉक्टर की सहायिका ने सिर्फ 2 सवाल पूछे: 1)क्या आप सावधानी बरत रहे हैं? 2) क्या आप गर्भ धारण करने की planning कर रहे हैं? दोनों का जवाब – ‘नहीं’।
मैं अपने स्वास्थ्य सम्बन्धी सवाल पूछना चाहती थी, पर जैसे कि वो सुनने को तैयार ही नहीं, लगभग ज़ोर देते हुए मुझे गर्भावस्था परीक्षण के लिए अस्पताल के test -center में जाने के लिए कहा। अगले दिन आने के लिए कहा। पर क्यों? यह सिर्फ 10 मिनट का परीक्षण था और महज 10 मिनट के लिए अगले दिन फिर क्यों आएं।
वो बेहद ख़राब अनुभव था। तकनीशियन ने नमूनों को लिया और उसे ट्रे में ही दुसरे कमरे में भूल गया। हमें 20 मिनट तक प्रतीक्षा करने के लिए कहा गया था, लेकिन लगभग एक घंटे के इंतज़ार के बाद हम pregnancy test result पूछने अंदर गए, और तब उस लैब तकनीशियन ने बताया की वो नमूने शायद दुसरे कमरे में भूल आया है। ऐसी लापरवाही! एक महिला ने बताया की ऐसा वहां आम बात है और वो test -failed की रिपोर्ट बना देते हैं, पुनः टेस्ट करवाने के लिए।
10 मिनट के बाद हमें परिणाम मिला। रिपोर्ट positive था। उन्होंने ही पहले पढ़ा और फिर मुझे बताया। मेरे लिए यह खबर जैसे कई भावनाओं के मिश्रित अनुभव जैसा था।
वास्तव में, यह जानकर मुझे कैसा लगा कि मैं गर्भवती हूं – मैं एक ही समय में हैरानी, घबराहट, कुछ उत्साहित, थोड़ी खुश और कुछ शायद डरी हुई भी थी।
हम एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे। उन्होंने मुझे गले लगा लिया, Congratulations and thank you, धीरे से उन्होंने मेरे कानों में कहा।
घर वापस जाते हुए मैंने पूछा, माँ पापा को इस बारे में क्या और कैसे बताना है ? “कुछ समय और लेते हैं” कुछ सोचते हुए उन्होंने कहा। मैंने पूछा, कितना, मैं आने वाले वक़्त समय के बारे में सोच रही थी, उत्साहित थी, एक अजीब सा नया एहसास था – मैं माँ बनने वाली हूँ।
लगभग 2-3 सप्ताह और प्रतीक्षा करते हैं। हमने दुसरे डॉक्टर से भी परामर्श लेने का निर्णय लिया इस खबर को सुनिश्चित करने के लिए। उसके बाद अपने माँ पापा को उनके दादी दादा बनने की ख़बर देना उचित समझा। कुछ दिन बाद, हम किसी अन्य चिकित्सक से मुलाकात की। वास्तव में पहले डॉक्टर का दृष्टिकोण और व्यवहार हमें पसंद नहीं आया।
नई डॉक्टर अच्छी थी। उसने परीक्षण किया और हमें अगले सप्ताह एक अल्ट्रासाउंड के लिए आने को कहा।
अल्ट्रासाउंड के बाद उसकी पुष्टि की। “बधाई हो, आप गर्भवती हैं। आप जल्द ही माता-पिता बनने वाले हैं।”
कब तक ( EDD – Estimated Date of Delivery कब की है), उन्होंने पूछा। “लगभग जुलाई के तीसरे सप्ताह तक, उसने उत्तर दिया, 7 दिन पहले या बाद में।
मेरे जीवन में इस नए अध्याय का स्वागत करने के लिए मैं उत्साहित थी। हम दोनों बस थोड़े उत्साहित और कुछ चिंतित भी थे ये सोच कर कि जल्दी ही कैसे आश्चर्यजनक रूप से हमारा आगे का जीवन बदल जाएगा।
डॉक्टर ने मेरे लिए कुछ दवाएं लिखी, जिसमें फोलिक एसिड और कुछ अन्य दवाएं शामिल थीं। मेरा वजन और ब्लड प्प्रेशर मापा, और हमारी अगली apppointment निर्धारित की, लगभग 1 महीने बाद की।
घर आ कर हमने माँ पापा को यह खबर दी। सभी खुश थे, नया साल आते आते, हमने लगभग परिवार के सभी सदस्यों और दोस्तों को भी इस बारे में बता दिया।
अपनी इस प्रेगनेंसी डायरी को मैं साप्ताहिक तौर पर अपडेट करुँगी, कि हम दोनों के लिए मेरी गर्भावस्था का अनुभव कैसा है।
मुझे लगता है कि चीजों पर ध्यान देने का यह एक मजेदार तरीका होगा और एक बार जब हम माता-पिता बन चुके होंगे तो वापस इस दौर को महसूस करने का एक अच्छा तरीका भी।
आप क्या कहते हैं। आपकी प्रेगनेंसी से जुड़ी बातों या हिदायतों का स्वागत है, कृपया कमैंट्स में अपनी बात कहें ।